गोलगप्पे से चुदाई तक का सफ़र - sexstories

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Sep 15, 2018

गोलगप्पे से चुदाई तक का सफ़र

हेल्लो मेरे दोस्तों आज आप सब के साथ मैं यहाँ बहुत खुश हूँ और मुझे ये सुनके अच्छा लगा कि आप लोगों को मेरी कहानी बहुत ही पसंद आई और मुझे बहुत सारे लाइक्स मिले | मैंने अपने बारे में सब कुछ नहीं बताया आपको पर आज मैं आपको अपने बारे में सब बताऊंगा और अपनी सच्ची घटना आपके सामने रखूँगा | पहले मैंने बस एक कहानी आपके सामने रख दी थी जो कि मेरे दोस्त की थी पर आज मैं आज एक सच बताऊंगा | दोस्तों मेरा नाम बुलेट सिंह है और मैं पंजाब का रहने वाला हूँ | मेरे पापा का नाम चिन्नास्वामी है और वो चाइना के हैं | मेरी माँ का नाम अफसाना बेगम है और वो अफ्रीका से हैं | आप सोचा रहे होंगे तो मेरा नाम बुलेट सिंह कैसे | दोस्तों मेरे पापा को बुलेट बड़ी पसंद है और मेरी माँ को रफ़्तार सिंह इसलिए मेरा नाम ये रख दिया उन लोगों ने | मुझे कभी भी अपना नाम पसंद नहीं था पर एक दिन मैंने ग़दर देखि और उसके बाद से मुझे अपना नाम और अपना काम दोनों पसंद आने लगे | दोस्तों मेरा काम है रोड पे गोलगप्पे बेचना और मैं बड़ा खुश हूँ इस काम से क्यूंकि मेरा धंदा बहुत चलता है | मैंने कभी घमंड नहीं किया इस चीज़ पर और मैंने हमेशा अपना काम दिल लगाकर किया | इसका नतीजा यह निकला कि मेरी दुकान पे लडकियां आने लगी कॉलेज की और मुझे बहुत अच्छा लगने लगा कि मैंने अपने हाथों से कितनों को खुश कर दिया | लोग दूर दूर से मेरी दुकान पे आने लगे और मेरी तरक्की होने लगी | एक दिन की बात है मेरी दुकान पर एक लड़की आई और उसने कहा यार मुझे तुमसे प्यार हो गया है मन करता है शादी करलूं तुमसे |

पहले तो मैंने सोचा यार ये लड़की पागल हो गई है क्या पर उसके बाद मैंने सोचा भाई बड़े शहरों की लडकियां ऐसी ही होती हैं | मैंने उसपे ध्यान नहीं दिया और उसने कहा लाओ गोलगप्पे तो खिला दो | मैंने कहा जी मेमसाब अभी खिलाता हूँ | मैंने उसको मस्त अपने हाथों से नया नुस्खा बना के गोलगप्पे खिलाये और जैसे ही उसने पहला खाया वो पागल हो गई | उसने कहा यार मुझे अब तुमसे और भी ज्यादा प्यार हो गया है | क्या डालते हो तुम इसमें ? मैंने उसकी ये बात सुनी और सोचा ज़रूर इसकी भी दुकान होगी इसलिए ये मुझसे ये सब पूछ रही है | मैंने भी अपना दिमाग लगाया और उसे बोला मेमसाब आप गोलगप्पे खाके मज़े उडाओ क्या डाला है ये सब छोड़ दो | उसने मुझसे कहा यार तुझे कितनी बार बताऊँ सच्चा वाला प्यार हो गया है तुझसे | मैंने कहा देखो यार मैडम आप मजाक में बोल रही हो तो ठीक है नहीं तो मुझे ऐसा कहना आपका बार बार अच्छा नहीं लगता | उसने कहा सुन बे गधे मैं कभी मजाक नहीं करती | साले अपने कॉलेज की ब्यूटी क्वीन हूँ और एक गोलगप्पे वाले को प्यार करने लगी हूँ चूतिया समझा है क्या तूने मुझे | मैंने कहा अरे मैडम आप तो बुरा मान गयीं मैंने ऐसा नहीं कहा | उसने कहा तो कैसा बोल रहा है बे ? उसके बाद मैंने उसको पकड़ा और कहा यार गुस्सा मत करो क्या है मैं इतना छोटा सा आम सा इंसान हूँ उसको अगर इतनी खूबसूरत लड़की प्यार करेगी तो उसका भ्रम तो दिमाग में बैठ ही जाता है | उसने कहा ज्यादा दिमाग मत लगा बता मुझसे प्यार करता है या नहीं | मैंने कहा बस आपने कह दिया और हम आपके हो गए |
वो दिन था मेरी जिंदगी का सबसे हसीं पल क्यूंकि उस दिन एक लड़की ने खुद मुझे कहा था आप बड़े अच्छे लगते हो | वो चली गयी पर अपनी याद छोड़ गयी मेरे पास अब मुझे रात में चैन नहीं और दिन में आराम नहीं | बस उसकी यादों में खोया रहता था | दो दिन बाद वो आई और कहा अब सच बताओ मेरे साथ अपनी जिंदगी बिताओगे मैनें कहा यार तुम मेरे घर चलो पहले तो | उसने कहा क्यूँ घरवालों से मिलाना है | मैंने कहा हाँ ऐसा ही समझ लो | वो मेरे साथ घर तक आ गयी और उसके बाद मैंने जैसे ही उसको अपना घर दिखाना शुरू किया तो उसने कहा यार तूने तो काफी पैसा बना लिया एक छोटी सी दुकान से | मैंने कहा अजी अन्दर तो चलो | जैसे ही उसने ये सुना तो झट से बोल पड़ी सही जा रहा है लड़के तू | मैंने उसे अपना घर दिखाया तो वो हैरान हो गयी और कहा तू सच में गोलगप्पे वाला ही है न | तो मैंने कहा मैडम आपके सामने आपके कॉलेज का ट्रस्टी खड़ा है | उसने कहा मज़ाक मत कर और सच सच बता | मैंने उसे सारे पेपर दिखाए और अपने माँ बाप के बारे में बताया तो उसके होश वहीँ उड़ गए | वो मुझे ऐसे देखने लगी जैसे उसे सदमा लग गया हो | फिर उसने कहा यार तो तू गोलगप्पे का ठेला क्यूँ लगाता है ? मैंने कहा मुझे लोगों को खिलाने की आदत है इसलिए लगाता हूँ | वो मेरे गले लग गयी और कहने लगी धन्य हो ट्रस्टी साहब आपके चरण कहाँ है मैं छूना चाहती हूँ | मैंने कहा बालिके नीचे झुक जाओ पर फल की आशा मत रखना क्यूंकि मैं गिफ्ट देने में विश्वास नहीं रखता चलेगा ना |
उसने कहा जी सर आपसे फल की उम्मीद नहीं है बस अपने दिल में थोड़ी सी जगह दे दो | मैंने कहा तो फिर आजा कुड़िये तुझे अपनी बाहो में भर लूँ | उसने कहा बस बाहो में ही भरना है ना और कुछ करने के बारे में सोचना भी मत शादी से पहले | मैंने कहा देखो ऐसा है मेरे काम में मैं पहले परखता हूँ फिर आगे बढ़ता हूँ | उसने कहा रुक बदमाश अभी तुझे बताती हूँ किसे परखना है और किसे नहीं | मैंने कहा शादी तुमसे करनी है तो तुम्हे परखूंगा न जानेमन और कोई तो है ही नहीं | मैंने कहा सुनो मैंने तुमसे उसी दिन प्यार कर लिया जब तुमने मुझसे कहा था क्यूंकि जो इंसान की गरीबी में उससे प्यार करता है वो हमेशा अच्छा होता है | उसने कहा पर मेरा वाला तो अरबपति है ना | फिर वो रोते हुए बोल पड़ी मैंने कभी नहीं सोचा था ऐसा होगा पर मैं तैयार थी तेरे साथ हर मुश्किल झेलने के लिए | कॉलेज और ज़माने में बस कुत्ते मिलते थे तू असली मर्द लगा मुझे | मैंने उसे अपनी बाहो में जकड लिया और कहा बस अब कोई कुत्ता नहीं मिलेगा और उसे एक ज़ोरदार किस किया | उसके लाल लाल होंठ मुझे पागल कर गए | वो भी मेरा साथ देती गयी किस में और ये किस बड़ा महंगा पड़ गया हम दोनों को | किस से मैं इतना उत्तेजित हो गया कि मैंने उसको बिस्तर पर लिटा दिया और उसके पूरे बदन पे किस करने लगा | वो मेरे सिर के बालों को सहला रही थी और धीरे से मैंने उसका टॉप उठा दिया और उसके पेट पे और कमर पे किस करने लगा | वो भी गरम होने लगी और मेरा साथ देने लगी और मेरे कपडे उतारने लगी |
थोड़ी देर बाद हम दोनों नंगे हो गए और क्या कमाल का फिगर था उसका बड़े बड़े दूध और बड़ी गांड | उसकी चूत मानो मलाई जैसी बिलकुल चिकनी और गुलाबी | मैंने उसकी चूत को चाटना शुरू किया तो पता चला वो खुली हुयी थी | उसने कहा आज मुझे लंड मिलेगा ऊँगली से काम नहीं चलाना पड़ेगा | मैंने उसकी चूत को जमके चाटना शुरू कर दिया और वो पागलों की तरह आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः करने लगी | फिर वो उठी और उसने कहा अब तेरे मस्त लंड कि बारी है मैं उसको चूसूंगी | मैंने कहा ले चूस ले और इतने में उसने मेरा लंड मुंह में भर लिया | मुझे तो बस मज़ा ही आ गया और मैं मस्ती में आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः करने लगा | मैंने कहा बस अब नहीं रह पाऊंगा और इतना कहके मैंने उसकी चूत में लंड डाल दिया | वो चिल्लाने लगी और कहने लगी साले टाइट है धीरे धीरे कर | मैंने कहा पहली बार है करने दे | फिर हम दोनों नार्मल हो गए और मस्त चुदाई करने लगे | उसके चूत के पानी से मेरा लंड अच्छी तरह गीला हो गया और मैं उसके आराम से चोदने लगा | उसके बाद मैंने अपनी चुदाई को और तेज़ कर दिया और उसकी बच्चेदानी तक मेरा लंड जाने लगा | बीस मिनट बाद मैंने अपना सारा माल उसकी चूत में भर दिया |

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