बस के सफ़र में मिली एक हुस्न की देवी - sexstories

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Sep 19, 2018

बस के सफ़र में मिली एक हुस्न की देवी

मेरा नाम अभिषेक है और  मैं निजामुद्दीन में रहता हूँ । मेरी उम्र 24 साल है और  कद 5 फुट 10 इंच है । दिखने में सांवला रंग और एक दम कसरती बाडी भी अच्छी बनी हुई है । यह मेरी पहली कहानी है और बिल्कुल सच्ची कहानी है और मैं उम्मीद करता हूँ कि आप लोगो को मेरी कहानी जरुर पसदं अयीगी । तो अब मैं आप लोगो का ज्यादा समय नहीं लूँगा और अपनी कहानी लिखना शुरू करता हूँ |

बात उस समय की है जब मैं दूसरे साल के पेपर देकर वापिस रहा था । शाम का समय था और  मैं लुधियाना से बस में चढ़ा उस समय बस में ज्यादा लोग नहीं थे । मेरा पेपर ठीक नहीं गया था तो मैं काफ़ी टेंशन में था । मैंने एक खाली सीट देखी और बैठ ग्या । मैं बस किसी तरह जल्दी घर जाना चाहता था । मैं बस के चलने का इन्तजार करने लगा । थोड़ी देर बाद बस चल पड़ी । तो उस दिन मैं बस चलते ही सो गया और  पता नहीं कब नींद आ गई और मैं सो गया । मेरी नींद तब खुली जब अम्बाला में बस रुकी । रात के आठ से ज्यादा बज रहे थे । मैंने देखा कि मेरे साथ सीट पर एक बहुत सुन्दर अप्सरा जैसी लड़की बैठी है और मैं पता नहीं कब से उसके कंधे पर सिर रख कर सो रहा था । मैंने उठते ही उसे सॉरी कहा तो उसने कहा कोई बात नहीं आप इतने आराम से सो रहे थे तो मैंने सोचा कि काफ़ी थके होंगे तो मैंने उठाया नहीं । मैंने कहा हाँ यार मैं काफ़ी थका था | कल मेरा पेपर था तो सो नहीं पाया था | बस इसलिये नींद आ गई । उसने कहा कोई बात नहीं होता है सभी के साथ । हमने फिर साथ में खाना खाया और वापिस आकर अपनी सीट पर बैठ गए । तो मैंने उससे उसके बारे में पूछा । उसने बताया कि उसकी शादी हो चुकी है । मेरा तो जैसे दिल ही टूट गया |  मुझे ऐसा लगा जैसे मैं उसे प्यार करता था । पर फ़िर उसने बताया कि उसका पति उससे बहुत दूर रहता है है और  वो शादी के कुछ दिन बाद ही वहाँ चला गया था । उसने अपने बारे में सब कुछ बता दिया । ऐसे ही सफ़र कटता रहा मेरा । बस की लाइट बन्द थी और  चलती बस में हम एक दूसरे से बार बार टकरा रहे थे और कई तो वो मुझ पर आकर गिर सी गई तो हमने एक दूसरे को छू भी लिया और वो इस बात को अनदेखा सा कर रही थी । कुछ देर के बाद उसने मुझसे पूछा कि  तुम्हारी कोई गर्लफ़्रेन्ड है ? मैंने मना कर दिया पर कहा कि अगर होती तो भी मना ही करता उसे देख कर तो कोई अपनी बीवी को छोड़ दे । तो उसने कहा कि क्यों नहीं है ?  तुम इतने गुड लुकिंग हो और  कोई लड़की नहीं मिली आज तक ? मैंने मजाक करते हुए कह दिया कि तुमने तो शादी कर ली  मेरी गर्लफ़्रेंड कौन बनती ? तो वो हंस दी और  वो हंसते हुए क्या लग रही थी ! बस क्या बताऊँ । तो उसने भी कहा तो क्या अब मैं तुम्हरी गर्लफ़्रेंड नहीं बन सकती ? मैंने कहा हाँ क्यूँ नहीं बन सकती !

तो उसने हंसते हुए मेरे गाल को चूम लिया । मेरी समझ में नहीं आया कि मैं क्या करूँ । मैं उसे देखने लगा तो वो भी शरमा सी गई । मैं उसके दिल की बात समझ गया तो मैंने धीरे से उसका हाथ पकड़ लिया । मेरी तो जैसे किस्मत ही खुल गई । कुछ देर ऐसे ही हाथ पकड़े बैठे रहे और फिर  मैंने धीरे से उसके हाथ को सहलाना शुरू किया । उसने कुछ नहीं कहा तो मैं धीरे धीरे आगे बढ़ता गया । मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिये तो वो भी मेरा साथ देने लगी । हमने काफ़ी देर तक एक दूसरे को चूमा और  फ़िर अलग हो गए । उसके बाद उसने मेरा फोन नम्बर लिया और बस कुछ ही देर में निजामुद्दीन आने वाला था तो हम अलग होकर बैठ गये । जैसे ही बस अड्डे पर बस रुकी और वो उतरी तो उसे कोई लेने आया था और वो उसके साथ चली गई । मैं काफ़ी देर वहीं खड़ा सोचता रहा कि यह हुआ क्या और मैं यही सब सोचता हुआ घर चला गया । सुबह का समय था और मेरी नींद पूरी नही हुई थी तो मैं सो गया । मैं दोपहर में उठा तो देखा कि मेरे फोन पर किसी अन्जान नम्बर से बहुत सी मिस कॉल आई हुई हैं तब मैं समझ गया कि ये उसी की कॉल हैं। मैंने तुरंत फोन लगाया तो फोन उठाते ही उधर से आवाज आई कि हो गई तुम्हारी नींद पूरी ? मैंने कहा हाँ यार हो गई ही पूरी नींद | उसने कहा कि शाम को क्या कर रहे हो फ्री रहोगे ? मैंने कहा कि हाँ बिलकुल फ्री हूँ और कुछ खास नहीं है शाम का प्रोग्राम । तो उसने एक पता दिया और मिलने को कहा । मैंने ठीक है कहा और फिर शाम को सही समय पर वहाँ पहुँच गया और  वहाँ जाकर उसे फोन किया तो उसने कहा कि रुको मैं आ रही हूँ । मैंने कहा ठीक है और मैं वहीं इन्तजार करने लगा । वो थोड़ी में आ गई ओर अपने साथ एक फ़्लैट में ले गई ।मैंने पूछा कि यह किसका फ़्लैट है ? तो उसने कहा कि मेरी सहेली का | वो अभी जॉब पर गई है और मैं उसी से मिलने दिल्ली आई थी । फिर उसने पूछा क्या लोगे ? मैंने कहा जो आप खुशी से दे दो । तो वो हंस दी और उसने कहा- तुम यहीं बैठो मैं आती हूँ | वो अन्दर गई और कोल्ड डिंक ले आई । हमने कोल्ड डिंक पी और बात करने लगे । अब वो बिल्कुल मेरे पास आकर बैठ गई और वो काफ़ी खुल सी गई । मैंने उसका पकड़ा और कहा और कब तक तड़पाओगी ? उसने बस इतना कहते ही अपने होंठ मेरे होंठों पर रख दिये । मैंने भी उसे कस कर पकड़ कर खूब चूमने लगा । उसके बाद उसे बेडरूम में चलने को कहा तो मैंने उसे गोद में उठाया और बेडरुम में ले गया । उसने साड़ी पहनी हुई थी, और क्या फ़िगर था उसका 34-26-36 और ऊपर से सिन्धी । सिन्धी लड़कियाँ तो मुझे वैसे भी बहुत पसंद हैं । मैं तो बस पागल सा हो गया था । उसने कहा अभिषेक , आज मेरे सारे अरमान पूरे कर दो । मुझसे भी रुका नहीं जा रहा था  मैंने जल्दी से उसकी साड़ी-ब्लाउज और पेटिकोट उतारे और उसने नीचे ब्रा-पैन्टी नहीं पहनी थी । अब वो मेरे सामने बिल्कुल नंगी थी और मैं भी बिल्कुल नंगा हो गया था । मैंने उसके मम्मों को दबाना शुरु किया तो वो आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह सिसकार उठी और कहा आराम से दबाओ । मैं दबाता रहा और चूमता चूमता उसकी चूत पर पहुँचा और वो आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह  करते हुए सिस्कारियां ले रही थी । क्या चूत थी उसकी बिल्कुल गुलाब के फ़ूल जैसी |

मैं पागलों की तरह उसे चूसने लगा और वो आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह करते हुए सिकरियां ले रही थी | फिर उसने मेरे लंड को अपने हाँथ में लिया और मेरे लंड को हिलाते हुए जीभ से चाटने लगी तो मेरे मुंह से भी आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह  की सिस्कारियां निकलने लगी | वो मेरे लंड पर हर तरफ से जीभ फेर कर चाट रही थी और मैं आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह  करते हुए उसके मम्मों को दबा रहा था | फिर उसने मेरे लंड के सुपाडे को अपने मुंह में ले कर चूसने लगी और फिर थोड़ी देर के बाद उसने मेरे लंड को पूरा अपने मुंह में ले कर चूसने लगी और मैं आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह  करते हुए उसके मुंह पर ही जोर जोर से धक्के मारने लगा |  फुइर उसने कहा कि यार अब मुझे और नहीं तड़पना प्लीज मुझे चोद दो और मेरी चूत का भोसड़ी बना दो | मैंने भी बिना देर किये अपना सात इन्च का लौड़ा उसकी चूत में पेल मारा । वो दर्द से चिल्ला उठी और बोली  निकालो इसे | अब मैं कहाँ रुकने वाला था मैं तो बस लगा रहा धक्के मारने में और वो आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह करते हुए कुछ देर बाद वो भी मेरा साथ देने लगी । मैं जोर जोर से शॉट मारते हुए उसकी चूत को चोद रहा था और वो आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह करते हुए अपनी गांड उठा उठा कर चुदाई के मजे ले रही थी | थोड़ी देर के बाद मैंने अपना माल उसके चूत के ऊपर ही निकाल दिया और वहीँ लेट गया और आराम करने लगा | उसके बाद हम दोनों ने दो बार और सेक्स किये |

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